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राज्य के लघु उद्योगों और उद्यमियों के जीवन में बेहतरी लाने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा किया गया निर्णय प्रदेश के लाइम उद्योग से जुड़े लाखों लघु उद्यमियों एवं उनके परिवारों के लिए वरदान साबित हुआ है। किफायती पेट्रो ईंधन पेटकोक से पाबंदी हटाकर मुख्यमंत्री राजे ने राज्य के पर्यावरण के साथ-साथ यहाँ के आम जनजीवन में भी उन्नति लाने के पूर्ण प्रयास किये है। मुख्यमंत्री राजे के इस उद्योगहित और पर्यावरणहित में लिए गए निर्णय पर आभार जताने के लिए प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से हज़ारों लघु उद्यमी सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आये।

सरकार के इस निर्णय से मिलेगा, प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन:

राजस्थान सरकार के इस निर्णय से जहाँ एक ओर लघु उद्योगों से जुड़े लाखों लघु उद्यमियों एवं उनके परिवारों की तकलीफ दूर होगी वहीँ इससे प्रदेश में निवेश की सम्भावनाये बढ़ने के भी आसार बने है। सस्ते एवं गुणवत्तापूर्ण ईंधन पेटकोक के उपयोग को मंज़ूरी मिलने से देश-विदेश के कारोबारी राजस्थान की ओर आकर्षित होंगे। व्यापक हित में लिए गए इस निर्णय से प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को व्यापक रूप से प्रोत्साहन मिलेगा।

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लघु उद्योगों को मिलेगी राहत:

किफायती एवं पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होने के कारण पेटकोक का उपयोग अनेक छोटे-बड़े उद्योग उपक्रमों में किया जाता है। राज्य में प्रमुखता से इसका उपयोग चूना भट्टों से लेकर सीमेंट, और कपडा आदि उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जाता है। किफायती ईंधन होने से निर्मित होने वाले सामान पर लागत कम आती है। जिससे प्रदेश की हजारों लघु एवं मध्यम इकाइयों को इस निर्णय से राहत मिलेगी। सस्ते ईंधन के उपयोग से सामान्य वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी नहीं होगी।

इस अवसर पर ऑल इंडिया लाइम मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा राजस्थान स्मॉल इण्डस्ट्रीज कॉर्पोरेशन के चैयरमेन श्री मेघराज लोहिया के नेतृत्व में आए सैकड़ों उद्यमियों ने कहा कि पेटकोक के उपयोग को राज्य में प्रतिबंधित नहीं करने से प्रदेश में लाइम इंडस्ट्री को जीवनदान मिला है।

पेटकोक से प्रतिबन्ध हटाने वाला देश में एकमात्र राज्य:

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सूझ-बूझ भरे निर्देश पर राज्य पर्यावरण विभाग द्वारा पेटकोक पर से पाबंदी ख़त्म करने के इस निर्णय से इस उद्योग पर निर्भर लाखों परिवारों की रोजी-रोटी पर आए संकट के बादल छंट गए हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने देशभर में पेटकोक के ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। लेकिन सभी राज्यों को अपनी वातावरणीय स्थिति के अनुसार अंतिम निर्णय लेने के लिए दो माह का समय दिया था। पूरे देश में अभी तक राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने अपने लघु उद्यमियों को आर्थिक सहारा देते हुए पेटकोक पर से यह प्रतिबन्ध हटाने का फैंसला किया है।

अपने उद्बोधन में की पर्यावरण संरक्षण की अपील:

लाइम उद्योग एसोसिएशन को अपने दिए गए उद्बोधन में मुख्यमंत्री राजे ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही अपील की कि वे प्रदेश को हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने में आगे आएं। पेटकोक के इस्तेमाल से उत्सर्जित होने वाली गैस का उचित प्रबंध करें ताकि वातावरण को कोई नुकसान न हो। लोगों को शुद्ध वायु और जल के लिए पर्यावरण संरक्षण का महत्त्व बताते हुए मानसून आने से पहले ही अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाकर प्रदेश को हरा-भरा बनाने की अपील की।