gopalan scheme rajasthan sarkar
पशुधन नि:शुल्क आरोग्य योजना के अन्तर्गत बीमार पशुओं के उपचार के लिए 129 प्रकार की नि:शुल्क औषधियां उपलब्ध है।

राजस्थान सरकार प्रदेश में पशुपालकों और किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में बढ़ावा देने का काम कर रही है। वसुंधरा राजे सरकार ने पिछले साढ़े तीन वर्षों में पशुपालन के क्षेत्र में जमकर विकास कार्य करवाएं हैं। सरकार का लक्ष्य राज्य में पशुओं की विलुप्त होती नस्लों को संरक्षण एवं संवर्धन देना है। जिससे पशु नस्लों को बचाने के साथ प्रदेश के पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान की जा सके। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में गायों का योगदान बढ़ाने एवं जैव विविधता संरक्षण हेतु गायों की विलुप्त होने वाली नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए वर्तमान सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा वर्तमान में कई योजना संचालित की जा रही है। जिससे बड़ी संख्या में गोपालकों को लाभान्वित किया जा रहा है।

pashupalan rajasthan
राजे सरकार ने पशुपालन के क्षेत्र में जमकर विकास कार्य करवाएं हैं।

बीकानेर में गौवंश फार्म की स्थापना: वर्तमान बीजेपी सरकार द्वारा राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानरे के सहयोग से राठी, गीर, थारपारकर, कांकरेज, साहीवाल व मालवी नस्ल की गौवंश के फार्म की स्थापना की गई है। जिसके माध्यम से उन्नत नस्ल के देशी सांड तैयार कर गौ नस्ल संवर्धन का कार्य संपादित किया जा रहा है।

पशुधन नि:शुल्क आरोग्य योजना: वर्तमान सरकार द्वारा सफलतापूर्वक संचालित की जा रही पशुधन नि:शुल्क आरोग्य योजना के अन्तर्गत सभी पशुपालकों, जिसमें गोपालक भी सम्मिलित है, के बीमार पशुओं के उपचार के लिए 129 प्रकार की नि:शुल्क औषधियां व सर्जिकल कन्ज्यूमेबल्स उपलब्ध करवाये जा रहे है।

2560 पशुचिकित्सा उपकेंद्र किए स्थापित: वसुंधरा राजे सरकार द्वारा प्रदेश की 2560 ग्राम पंचायतों में पशु चिकित्सा उपकेंद्र तथा 1000 ग्राम पंचायतों में निजी क्षेत्र के माध्यम से एकीकृत पशुधन विकास केंद्र की स्थापना की है। जिसके माध्यम से पशु पालन विभाग की समस्त गतिविधियों जैसे कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण, गोपालकों का प्रशिक्षण, पशुबीमा, नकारा गौवंशीय पशुओं का बधियाकरण, पशु चिकित्सा आदि का लाभ गोपालकों को नियमित उपलब्ध करवाया जा रहा है। देशी गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार के लिए राज्य में होने वाले कुल गौवंश के कुल कृत्रिम गर्भाधान का 67 प्रतिशत, देशी नस्ल की गौवंश में करवाये जाने के लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

वर्ष में दो बार पशु टीकाकरण: वर्तमान सरकार की ओर से गाय एवं भैंस वंष में होने वाले खुरपका-मुंहपका रोग के नियंत्रण के लिए वर्ष 2014 से खुरपका-मुंहपका रोग नियंत्रण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है जिसमें वर्ष में दो बार अभियान चलाकर शत प्रतिशत टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

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पशुधन नि:शुल्क आरोग्य योजना के अन्तर्गत बीमार पशुओं के उपचार के लिए 129 प्रकार की औषधियां नि:शुल्क उपलब्ध है।

गोपालन विभाग की स्थापना: वसुंधरा सरकार द्वारा गोपालन विभाग की स्थापना करना पशुपालन के क्षेत्र में सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। सरकार ने 13 मार्च, 2014 को गौपालन विभाग की स्थापना की जिसका बाद में नाम बदलकर गौपालन निदेशालय कर दिया गया है। गोतस्करी की रोकथाम के लिए वर्तमान में उपलब्ध राजस्थान राज्य में राजस्थान गोवंशी पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रव्रजन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम 1995 में आबकारी विभाग के नियमों की तर्ज पर कड़े प्रावधान बनाए हैं।

पशु बीमा कर किया जा रहा ला​भान्वित: वर्तमान सरकार की योजना के तहत राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के माध्यम से भामाशाह पशु बीमा के तहत समस्त गौवंश (जैसे गाय, बैल, सांड आदि) का अनुदानित दर (अनुसूचित जाति, जनजाति व बीपीएल वर्ग के लिये कुल प्रीमियम का 70 प्रतिशत व अन्य को 50 प्रतिशत) पर पशु बीमा करवा कर गोपालकों को लाभान्वित किया जा रहा है।

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गौशालाओं को 132 करोड़ का दिया अनुदान: वर्तमान वसुंधरा राजे सरकार द्वारा प्रदेश में गौशाला एवं सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत गौशालाओं को 132 करोड़ रुपये का अनुदान चारा/पशु आहार के लिए दिया गया है। वहीं पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में गौशाला एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत गौशालाओं को सिर्फ 83 करोड़ 80 लाख रुपये का अनुदान दिया गया था। वर्तमान राजस्थान सरकार ने गत सरकार के मुकाबले गोपालकों, पशुपालकों को लाभान्वित करने एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में प्रशंसनीय कार्य किए हैं।