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विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ (पहले पद्मावती) से जुड़ी परेशानियां खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। नाम परिवर्तन और 5 कट के साथ सेंसर बोर्ड की रिलीज करने की अनुमति मिलने के बाद लग रहा था कि संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत 25 जनवरी को रिलीज हो जाएगी। लेकिन अब फिर से एक पेच फंस गया है। राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस संदीप मेहता की कोर्ट ने 23 जनवरी से पहले फिल्म कोर्ट के समक्ष प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली और अन्य की 482 की याचिका पर सुनाई करते हुए यह फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने यह फैसला भंसाली सहित अभिनेता रणवीर सिंह और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण पर नागौर के डीडवाणा थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई पर दिया है। तीनों पर आईपीसी की धारा 153ए और 295ए में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस एफआईआर को रद्द कराने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय में 482 की एक याचिका पेश की गई थी। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में यह दलील दी कि ‘न ही तो फिल्म प्रदर्शित की गई है और न ही उसका टेलर रिलीज किया गया है।’

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याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नीशांत बोड़ा ने पैरवी की, जबकि सरकार की ओर से जेपी भारद्वाज ने पक्ष रखा। अधिवक्ता ने कोर्ट को कहा कि वह निर्माता संजय लीला भंसाली से पूछ कर बताएंगे कि कब फिल्म का प्रदर्शन कोर्ट के समक्ष करेंगे। आपको बताते चलें कि राजस्थान में इस फिल्म को पहले ही बैन कर दिया गया है। मध्यप्रदेश और गुजरात में भी पद्मावत को रिलीज नहीं किए जाने की घोषणा हो चुकी है लेकिन गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने प्रदेश में फिल्म रिलीज की हामी भरी है।

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