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Assembly Elections 2018: Congress's Kangali, heavy on Party workers.

देश की सबसे पुरानी और कई बड़े घोटालों की जननी कांग्रेस इनदिनों राजनीति के साथ ही आर्थिक रूप से कंगाली के बुरे दौर से गुज़र रही है। इस बुरे दौर में कांग्रेस की निगाहें अब लोगों की जेब ढूढ़ रही है। यानी लोगों के ​कठिन मेहनत से कमाये धन पर कांग्रेस नज़रें गढ़ाए बैठी है। दरअसल, राजस्थान समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में खर्च की राशि जुटाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जेब काटने की तैयारी में है। पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनाव के लिए चंदा एकत्रित किया जाएगा। इसके लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने कूपन छपवाकर सभी जिलों में भेज दिए हैं। इनमें 100, 500 व 1000 रुपए के कूपन शामिल हैं।

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Image: कांग्रेस नेता.

कांग्रेस का प्रत्येक बूथ से 55 हजार रुपए जुटाने का लक्ष्य

कांग्रेस ने प्रत्येक बूथ से 55 हजार रुपए जुटाने का लक्ष्य दिया गया हैं। ये राशि दिवाली या चुनाव प्रक्रिया शुरू होने तक एकत्रित कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) को भेजी जानी है। पीसीसी ने सभी जिलों में बूथ के अनुसार छपवाए गए कूपन भेज दिए है और जिलों से ब्लॉकवार उनका बूथों पर वितरण शुरू हो गया हैं। कांग्रेस ने अकेले राजस्थान में 51 हजार 796 बूथों से कुल 284 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं। कूपन में चंदा देने वाले का नाम, मोबाइल नंबर, वोटर आईडी कार्ड नंबर, ईमेल तथा कोड नंबर लिखे गए हैं। ये सभी जानकारी कार्यकर्ता को भरनी होगी। कार्यकर्ताओं से ही ये राशि एकत्रित की जाएगी, लेकिन उनके परिचित या परिवार के वोटर्स को कूपन देकर चंदा एकत्रित किया जाएगा।

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सभी बूथों के प्रभारियों को दिए गए हैं कूपन

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी जिलों से पदाधिकारियों को जयपुर बुलाकर रविवार को उनके विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार बूथों के कूपन सौंप दिए है। एक बूथ पर पांच बुक दी जा रही है। यह सौ, पांच सौ तथा एक हजार रुपए की तीन तरह की कूपन बुक है। एक बुक से 11 हजार रुपए जुटाए जाएंगे। सभी बूथों के प्रभारियों को ये कूपन दिए गए है और कार्यकर्ताओं के माध्यम से चंदा एकत्रित करने का कहा गया हैं कार्यकर्ताओं और समर्थकों से चंदे की राशि एकत्रित करने के बाद इसे ब्लॉक से डीसीसी में एकत्रित कर पीसीसी को भेजा जाएगा। राजस्थान की तरह ही कांग्रेस ने अन्य चार राज्यों में भी एआईसीसी ने कूपन भेज दिए हैं। इसके अलावा कांग्रेस बड़ा चंदा भी जुटाने की कोशिश में लगी हैं। इसके लिए उद्यमियों, बिल्डर्स, डवलपर्स तथा बड़े औद्योगिक घरानों से संपर्क किया जा रहा हैं।

पिछले कुछ चुनावों के परिणाम देखें तो पता चलता है कि कांग्रेस लगातार देश के अधिकांश हिस्सों से सिमटती जा रही है। एक समय देश की सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस की वर्तमान में ऐसी हालात है ​कि मात्र गिनती के राज्यों में सरकारें चल रही है। कांग्रेस पर वजूद खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में कांग्रेस के लिए चंदा इकट्ठा करना भी टेड़ी खीर होगा।