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अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट पद की शपथ लेते हुए।
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अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट पद की शपथ लेते हुए।

राजस्थान की राजधानी जयपुर की वो जगह जहां आम दिनों में या तो कबूतर उड़ते दिखाई देते हैं या देशी-विदेशी सैलानी। लेकिन आज उस जगह का नज़ारा कुछ और ही था। राजस्थान के तमाम बड़े अधिकारी, पुलिस जाप्ता और सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे। मगर कैमरे की नज़र सिर्फ मंच पर थी। अवसर था राजस्थान की 15वीं विधानसभा के मुखिया की कसम दिलाने का। राजनीति की कई महान हस्तियों की उपस्थिति में राजस्थान के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री को शपथ ग्रहण करवायी। दिसंबर की 17 तारीख सुबह के 11 बज रहे थे। मंच पर कुछ सम्मानीय लोग राज्यपाल कल्याण सिंह के साथ मौजूद थे। माइक पर मंच संचालक ने आग्रह किया कि महामहिम राज्यपाल मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करवायें। राज्यपाल महोदय ने सिर्फ एक शब्द बोला “मैं…” और फिर दूसरी तरफ में शब्दों की फुलझड़ी सी चल गयी।

दोनों नेताओं ने दो-दो कसम खायी:-

कसम न. 1

मैं अशोक गहलोत ईश्वर की शपथ लेता हूँ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची शृद्धा और निष्ठा रखूँगा मैं भारत कि प्रभुता और अखंडता अक्षुण रखूँगा मैं राजस्थान राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का शृद्धा पूर्वक निर्वहन करूँगा तथा मैं भय या पक्षपात अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान व विधि के अनुसार न्याय करूँगा।

कसम न. 2

मैं अशोक गहलोत ईश्वर की शपथ लेता हूँ कि जो विषय राजस्थान राज्य के मुख्य्मंत्री के रूप में मेरे विचार में लाया जायेगा अथवा मुझे ज्ञात होगा उसे किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को तब के सिवाय जबकि ऐसे मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के संवहन निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित होगा मैं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूँगा।


यही कसम सचिन पायलट ने खायी बस नाम की जगह सचिन पायलट और मुख्यमंत्री पद की जगह सिर्फ मंत्री पद बोला गया। लेकिन एक बात और गौर करने लायक़ थी। वो ये थी कि सचिन पायलट ने राज्य के मंत्री पद में रूप में नहीं भारत के मंत्री पद के रूप में कसम खायी थी।


ऊपर कसमों में अल्प विराम, पूर्ण विराम या किसी भी प्रकार के अन्य प्रतिक चिन्हों का इस्तेमाल इसलिए नहीं किया गया, क्योंकि दोनों नेताओं ने जैसे बोला वैसे लिख दिया गया है। अब आती है वो कसम, जो होती तो नहीं, मगर… होनी चाहिए।

कसम न. 3

“उसको कसम लगे, जो तोड़ के दोनों कसमों को जिये!”

लेकिन इन सबके बीच दोनों नेता इतनी जल्दी में दिखे कि श्रीमान अशोक गहलोत में पहली कसम मात्र 30 सेकंड में और दूसरी कसम मात्र 27 सेकंड में पढ़ डाली। जबकि श्री सचिन पायलट ने पहली कसम 31 सेकंड में और दूसरी कसम 23 सेकंड में पढ़ डाली। शायद कुर्सी पर बैठने के लिए उतावले हो रहे थे। या फिर नए विधायकों को अपने पक्ष में करने जाना था। क्योंकि ये बात तो खुद कांग्रेस पार्टी के नेता और आला अधिकारी भी नहीं नकार सकते कि राजस्थान में आने वाले दिनों में विभिन्न मंत्री पदों और मंत्रालयों को लेकर भी दोनों, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के बीच में खींचतान हो सकती है।

नीचे वीडियो है, देख लीजिये…