जयपुर। अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारियों को अब पावरफुल बना दिया हैं। कांग्रेस सरकार के निर्णय के अनुसार अब खंड अधिकारी (SDM) उपखंड में कार्यरत अधीनस्थ सेवाओं एवं मंत्रालयिक सेवा के कार्मिकों को 17-सीसीए के तहत चार्जशीट देकर दो वार्षिक इंक्रीमेंट रोक सकेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले उपखंड अधिकारी को लापरवाह अधिकारी तथा कर्मचारी को महज कारण बताओं नोटिस जारीक र अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए जिला कलेक्टर को अनुशंसा करने का ही अधिकार दिया गया था।

लंबे समय से की जा रही थी मांग
राजस्थान प्रशासनिक अधिकारी एसोसिएशन लंबे समय से उपखंड अधिकारियों को अधिक शक्तियां देने की मांग कर रही थी। अब गहलोत सरकार ने एसोसिएशन की यह मांग मान ली है। राज्य के कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार अब उपखंड अधिकारी आबकारी इंस्पेक्टर, रसद इंस्पेक्टर, ट्रांसपोर्ट और लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरते जाने पर उन्हें 17- सीसी के तहत चार्जशीट देकर उनका वार्षिक इंक्रीमेंट रोक सकेंगे। उपखंड अधिकारी मंत्रालयिक सेवा के कर्मचारियों जैसे एलडीसी और यूडीसी के लापरवाही बरतने पर वार्षिक इंक्रीमेंट रोक सकेंगे।

ब्यूरोक्रेसी कोताही न बरतें, सरकार की निगाह आप पर
परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की बड़ी कार्रवाई के बाद सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को चुप्पी तोड़ी। गहलोत ने इशारों ही इशारों में भ्रष्ट नौकरशाहों को सीधा संदेश दिया कि उनकी सरकार पारदर्शी, संवदेनशील और जवाबदेही प्रशासन का वादा कर सत्ता में आई है। इसे लेकर कहीं भी कोताही हुई तो सरकार कोई रियायत नहीं बरतेगी। उन्होंने भ्रष्ट और लापरवाह ब्यूरोक्रेसी को सीधे शब्दों में चेतावनी दे दी कि उनकी सरकार जनहितैषी है। जन आकांक्षाओं को पूरा करना ही उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है।

सीएम ने अपनाया लापरवाही के खिलाफ कड़ा रुख
गौरतलब है कि सीएम गहलोत कई बार कह चुके हैं कि उनकी सरकार पारदर्शी, संवदेनशील और जवाबदेही प्रशासन का वादा कर सत्ता में आई है। इसमें किसी भी तरह की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए सीएम लगातार फ्लैगशीप योजनाओें की ना केवल मॉनिटरिंग करते हैं, बल्कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ा रुख भी अपनाते हैं। पिछली कई वीसी में ऐसे उदाहरण सामने आ चुके हैं।