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अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत बच्ची को दूध पिलाते हुए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे।

सरकारी स्कूलों में आज से शुरू हुई अन्नपूर्णा दुग्ध योजना की शुरूआत, मुख्यमंत्री ने दहमींकला के सरकारी विद्यालय पहुंच 10 छात्राओं को अपने हाथों से पिलाया दूध

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अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत बच्ची को दूध पिलाते हुए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे।

माननीय मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के सौजन्य से प्रदेशभर के सरकारी विद्यालयों में आज से अन्नपूर्णा दूध योजना की शुरूआत हुई है। प्रदेश सरकार की स्कूली बच्चों को पोषित करने की महत्वकांक्षी योजना के तहत आज से राजस्थान के सभी स्कूलों में बच्चों को गर्म दूध पिलाया गया। योजना में सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को शामिल किया गया है। अन्नपूर्णा दूध योजना के उद्घाटन दिवस पर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे जयपुर के दहमींकला गांव के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंची और अपने कर-कमलों से यहां की 10 छात्राओं को दूध पिलाया। इससे पहले उन्होंने खुद दूध चखकर गुणवत्ता की जांच की। इससे पहले उन्होंने रिमोट दबाकर अन्नपूर्णा दूध योजना का आरंभ किया और समारोह स्थल पर योजना के प्रतीकारात्मक सफेद-नीले गुब्बारें उड़ाए।

अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत 5वीं तक के स्कूली बच्चों को 150 मिमी. और 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को 200 मिमी. दूध दिया जाएगा। -शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी

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जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में नए छात्रों का तिलक लगाकर स्वागत और साइकिल वितरण।

दूसरी ओर, इसी क्रम में राजधानी की झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र स्थित ग्राम मांचवा में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत 8वीं तक के बच्चों को दूध पिलाया गया। यहां कक्षा एक और कक्षा 9 के सभी नए प्रवेशधारी छात्र-छात्राओं का तिलक लगाकर मुंह मिठा कराया गया। साथ ही छात्राओं को सरकार की ओर से साइकिल वितरण का कार्यक्रम भी रखा गया। प्रदेश के अन्य विद्यालयों में योजना के उदघाटन के दिन स्पेशल पेरेन्ट टीजर मीटिंग (पीटीएम) का आयोजन भी रखा गया है।

अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत शुरूआत में प्रदेश के साढ़े छह हजार स्कूलों को शामिल किया गया है जिसमें 62 लाख स्कूली बच्चों को दूध पिलाया जाएगा।

इसी क्रम में 2 जुलाई से 9 जुलाई 2018 तक राज्य के प्रत्येक विद्यालय में मिड-डे-मिल के तहत ‘अन्नपूर्णा दूध योजना सप्ताह’ का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान अगले सात दिनों तक स्कूलों में बच्चों को गर्म शुद्ध दूध पिलाया जाएगा। इसके बाद प्रदेश के सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को सप्ताह में तीन दिन (प्रत्येक सोमवार, बुधवार व शुक्रवार) को पोषाहार के तहत दूध पिलाया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय में छात्र-छात्राओं को दूध प्रार्थना सभा के तुरंत पश्चात उपलब्ध कराया जाएगा। दूध वितरण का प्रबंध विद्यालय प्रबंध समितियों के मार्गदर्शन में होगा।

बता दें, मुख्यमंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट अभिभाषण में मिड डे मील योजना के अन्र्तगत समस्त राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को सप्ताह में तीन बार दूध पोषाहार उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। मिड डे मील योजना के तहत जिलों में केन्द्रीयकृत रसोईघर के माध्यम से पोषाहार पहले से ही वितरित किया जा रहा है।

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