कोटा में बाढ़ के बाद कुछ इस तरह के हालात हैं।
कोटा में बाढ़ के बाद कुछ इस तरह के हालात हैं।

चंबल नदी का रौद्र रूप शांत होने के बाद अब कोटा में बाढ़ के पानी से हुई भारी तबाही सामने आ रही है। हनुमानगढ़ी इलाके में करीब 70 मकान पूर्णतया बह गए और 40 मकान बहुत अधिक क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा बापूनगर,सकतपुरा,दोस्तपुरा,गांवडी,खेडली फाटक में भी काफी नुकसान हुआ है। नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका ने प्रभावित इलाको का दौरा करके पीड़ित लोगों से मुलाकात की और उन्हे ढांढस बंधाते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

मंत्री शांति धारीवाल ने लिया कोटा में बाढ़ का जायजा

सुवालका ने ब्लॉक के कार्यकर्ताओं के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की विजिट करके नुकसान का जायजा लिया है और पूरी जानकारी से यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को भी अवगत करवाया है। सुवालका के अनुसार मंत्री शांति धारीवाल पांच दिनो के कोटा प्रवास पर आएंगे और एक-एक पीड़ित से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही उनकी सहायता की विस्तृत योजना तैयार की जाएगी।

बाढ़ की वजह से आसपास के 70 गांवों को नुकसान हुआ है

कोटा में बाढ़ से कोटा-बूंदी के 70 गांवों में बर्बादी हुई है। साथ ही 3 लाख लोग हुए बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 80 से 100 फीसदी तक फसलें ख़राब हुईं हैं। बाढ़ के कारण सिर्फ़ कोटा जिले के ही 45 गांव हुए प्रभावित हुए हैं। धौलपुर-झालावाड़ में भी कमोबेश ऐसे ही हालात बने हुए हैं। इन दोनों जिलों में भी फसलों को भारी नुकसान पहुँचा है।